दिखा नारीशक्ति का दम "एशियन चैम्पियन बने हम "
एक और जहां दुर्गा पूजा और दशहरा का एक ऐसा त्योहार पूरे देश मे मनाया जा रहा है जो देवी दुर्गा और सीता जी के अदम्य साहस को परिभाषित करता है और उसी दिन भारतीय महिला टीम एशियन शतरंज चैंपियनशिप मे एकतरफा अंदाज से जीत दर्ज करके नारीशक्ति का दम दिखाते हुए शान से एशियन चैम्पियन बन गयी है । भारतीय शतरंज प्रेमियों के लिए यह एक और बड़ी खबर रही । कोविड की मुश्किल परिस्थितियों मे इस वर्ष भारतीय शतरंज टीम नें लगातार ऐसा अनोखा प्रदर्शन किया है की ओलंपियाड से लेकर एशियन तक देश गोरान्वित हुआ है ! आज एशियन नेशंस कप के फाइनल मे भारतीय महिला टीम नें लगातार दो राउंड मे इन्डोनेशिया को 3-1 , 3-1 से मात देते हुए खिताब हासिल कर लिया । पुरुष टीम भले औस्ट्रेलिया से हारी पर रजत पदक भी कोई खराब प्रदर्शन नहीं कहा जाएगा । हिन्दी चेसबेस इंडिया चैनल पर एक बार फिर फाइनल मुक़ाबले का सीधा प्रसारण किया गया पढे यह लेख
दिखा नारीशक्ति का दम : भारतीय महिला टीम नें जीता एशियन शतरंज कप
भारतीय महिला शतरंज नें दुर्गा पूजा नवमी और दशहरा के शुभअवसर पर नारी शक्ति का प्रदर्शन करते हुए महिला एशियन शतरंज चैंपियनशिप मे स्वर्ण पदक हासिल कर लिया । ऑनलाइन हो रही इस स्पर्धा मे टीम नें लगातार 12 वीं जीत के साथ अपना अभियान समाप्त किया । फाइनल मे टीम के सामने थी दूसरी वरीय इन्डोनेशिया की टीम और यहाँ पर टीम नें बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए दो राउंड के फाइनल को 3-1 और 3-1 से जीतकर ख़िताबी जीत हासिल की ।
भारतीय टीम नें पहले राउंड मे पद्मिनी राऊत और नंधिधा पीवी की जीत जबकि कप्तान मेरी गोम्स और आर वैशाली के ड्रॉ से 3-1 से जीत हासिल की
दूसरे राउंड मे एक बार फिर पद्मिनी और नंधिधा के अलावा भक्ति कुलकर्णी नें जीत दर्ज की जबकि वैशाली को हार का सामना करना पड़ा जबकि टीम 3-1 से जीत गयी ।
सबसे पहली जीत टीम को दिलाई नंधिधा नें और उन्होने चेल्सी मोनिका पर एक शानदार जीत हासिल की दूसरे राउंड मे उन्होने दीता करनेजा को मात दी
पद्मिनी नें भी अपनी लगातार पाँचवी जीत दर्ज की और टीम को 2-0 से आगे कर दिया हालांकि इस मैच मे एक समय वह मुश्किल मे थी पर उनकी वापसी शानदार रही
वर्तमान राष्ट्रीय चैम्पियन भक्ति कुलकर्णी दूसरे राउंड मे टीम मे लौटी और एक बेहतरीन जीत दर्ज की
पूरे टूर्नामेंट मे वैशाली नें पहले बोर्ड पर जो खेल दिखाया वह असाधारण था ! फाइनल मे उन्होने पहले राउंड मे शीर्ष इन्डोनेशिया खिलाड़ी सुकंदर करिश्मा को अंक नहीं बनाने दिया
कप्तान मेरी गोम्स नें हमेशा टीम को खुद से ज्यादा महत्व दिया और इसी कारण टीम बनी विजेता पूरे टूर्नामेंट मे मेरी नें कुल 7 मैच खेले और अपराजित रहते हुए 6 अंक बनाए
पद्मिनी रही 15 मैच मेअपराजित
पद्मिनी रही सबसे बेहतरीन खिलाड़ी – भारत की 5 बार की राष्ट्रीय चैम्पियन पद्मिनी राऊत नें इस प्रतियोगिता मे टीम के लिए सबसे ज्यादा 15 मुक़ाबले खेले और 12 जीत 3 ड्रॉ के साथ अविजित रहकर उन्होने इतिहास बना दिया ।
सभी छह फाइनल मुक़ाबले मे पद्मिनी का प्रदर्शन
प्ले ऑफ के सभी छह मुकाबलों मे उनके अलावा नंधिधा नें भी सभी मुक़ाबले जीतकर टीम को सहयोग दिया ।
इसे आप असाधारण प्रदर्शन ही कहेंगे !
भारतीय के बेहतरीन प्रदर्शन का अंदाजा आप इसी से लगा सकते है की टीम नें क्वाटर फाइनल मे किर्गिस्तान को तो सेमी फाइनल मे मंगोलिया को 7.5-0.5 के कुल अंतर से मात दी थी और इस प्रकार फाइनल मिलाकर प्ले ऑफ मे टीम का स्कोर 21-3 का रहा !
पुरुष टीम फाइनल मे अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी और औस्ट्रेलिया से पहला राउंड 2.5-1.5 से तो दूसरा राउंड 2-2 से ड्रॉ करके दूसरे स्थान पर रही और उसे रजत पदक हासिल हुआ । !पुरुष टीम के प्रदर्शन पर हम अलग से लेख लिखेंगे
हिन्दी चेसबेस इंडिया यूट्यूब चैनल पर आज का सीधा प्रसारण
भारतीय टीम के फाइनल के सभी मुक़ाबले